ऑनलाइन इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदने पर हमेशा कुछ मिथक और मिश्रित समीक्षाएँ होती रहती है। इन्शुरन्स पॉलिसियों को हमेशा पारंपरिक रूप से एजेंटो के माध्यम से या बाकी ऑफ़लाइन चैनलों पर खरीदा गया है और आज भी बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन बीमा पॉलिसी खरीदने में संकोच करते हैं। यहां हम उन मिथकों को स्पष्ट कर रहे हैं जो ऑनलाइन इन्शुरन्स खरीदने से जुड़े हैं। ये निम्न है:-
मिथक 1 : ऑनलाइन इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदना थकाऊ और जटिल होता है
सच्चाई :
इस धारणा के विपरीत, ऑनलाइन इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदना बेहद आसान और सरल है। हम कहीं भी, कभी भी इन्शुरन्स पॉलिसी खरीद सकते हैं। ऑनलाइन बीमा खरीदना ऑफ़लाइन मोड की तुलना में बहुत कम समय लेता है। जब हम ऑनलाइन इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदते हैं तो पॉलिसी हमें तुरंत भेज दी जाती है।
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मिथक 2 : ऑनलाइन इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना बहुत महंगा है
सच्चाई :
ऑनलाइन इन्शुरन्स पॉलिसी को खरीदना ऑफलाइन मोड की तुलना में बहुत सस्ता होता हैं। कम इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च और कम सेल्स खर्च, इन्शुरन्स पॉलिसी को ऑनलाइन खरीदना काफी किफायती बना देता है। ऐसे कई ऑनलाइन पोर्टल्स है जो विभिन्न विकल्पों से इन्शुरन्स पॉलिसी की तुलना करने और खरीदने की पेशकश करते हैं।
मिथक 3 : इन्शुरन्स पॉलिसी ऑनलाइन खरीदने के लिए कंप्यूटर की बहुत ज़्यादा जानकारी होनी चाहिए
सच्चाई :
इंटरनेट की केवल मूलभूत जानकारी ही काफी होती है एक इन्शुरन्स पॉलिसी को खरीदने के लिए जो की आज के भारत मे लगभग सभी के पास है। कोई एक्सपर्ट नॉलेज की जरूरत नहीं है क्योंकि यह प्रक्रिया बहुत सरल है।
मिथक 4 : ऑनलाइन इन्शुरन्स खरीदने से क्लेम सेटलमेंट की गारंटी नहीं होती
सच्चाई :
क्लेम सेटलमेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो तरह की पॉलिसियों मे एक समान होता है। यदि कोई व्यक्ति पॉलिसी लेते समय अपनी सभी जानकारियों को सत्य रूप से घोषित करता है, तो दावा निपटान जल्दी और परेशानी मुक्त होता है। इसके अलावा, सभी बीमा कंपनी के क्लेम सेटलमेंट रेशियो की तुलना करके, एक अच्छी कंपनी का चयन किया जा सकता है।
मिथक 5 : ऑनलाइन इन्शुरन्स खरीदना व्यक्तिगत सहायता से परे है और गोपनीयता दांव पर होती है
सच्चाई :
ऑनलाइन इन्शुरन्स खरीदने में किसी भी तरह की गोपनीयता भंग होने या धोखाधड़ी का कोई मौका नहीं होता है क्योंकि लेनदेन एक सुरक्षित कनेक्शन पर किया जाता है। जब भी कस्टमर को आवश्यकता होती है तो वह ऑनलाइन या कस्टमर केयर से सहायता ले सकता है। सभी इन्शुरन्स कंपनियां रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के दिशा निर्देशों के भीतर काम करती है इसलिए आप भरोसा कर सकते हैं कि आपके सभी लेनदेन सुरक्षित रहेंगे।
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मिथक 6 : गलत पॉलिसी खरीदने की संभावना अधिक होती है और ऑफ़र व छूट भी नही मिलती हैं
सच्चाई :
इन्शुरन्स पॉलिसी का चयन खुद से करना होता है और और चुनी गयी पॉलिसी के लिए व्यक्ति खुद ही जिम्मेदार होता हैं। हेरफेर की संभावना ऑफ़लाइन मोड में अधिक होती है। ऑफलाइन मोड की तुलना में ऑनलाइन मोड पर अधिक छूट और ऑफर देखे जाते है।
मिथक 7 : विकल्प सीमित और कम प्रभावी होते हैं
सच्चाई:
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ऑनलाइन मोड पर ढेर सारे विकल्प उपलब्ध हैं और कंपनियों द्वारा सभी योजनाएं सूचीबद्ध हैं। वे व्यापक कवरेज, बेहतर सुविधाओं के साथ आते हैं। ऑनलाइन इंश्योरेंस मोड ऑफलाइन मोड की तुलना में बेहतर है, जिसका चयन सीधे ग्राहकों द्वारा किया जाता है ना की एजेंटों द्वारा।
मिथक 8 : खरीदी गई पॉलिसी को प्रबंधित करना मुश्किल काम है
सच्चाई :
इसके विपरीत ऑनलाइन इन्शुरन्स पॉलिसियां को प्रबंधित करना बहुत सुविधाजनक और सरल हैं। अधिकांश जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहती है और किसी भी प्लान का विवरण एक बटन के क्लिक पर देखा जा सकता है। जानकारी सुरक्षित रहती है जिसे केवल पॉलिसीधारक ही देख सकते हैं। पॉलिसियों का नवीकरण बहुत सीधा है और शायद ही कभी ज़्यादा समय लेता है।
मिथक 9 : यदि आप ऑनलाइन पॉलिसी खरीदते हैं, तो दस्तावेजों को खोने का खतरा रहता है
सच्चाई :
पॉलिसीधारक के सभी दस्तावेज इन्शुरन्सकर्ता के डेटाबेस में संग्रहीत रहते हैं और वास्तव में इसके चोरी होने की कोई संभावना नहीं है। आप जब चाहें उन्हें पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
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