टर्म इन्शुरन्स जीवन बीमा की एक प्रकार है जिसमें इन्शुरन्स करवाने वाले व्यक्ति को एक निश्चित अवधि के लिए इन्शुरन्स प्रदान की जाती है। यह अवधि कितनी हो यह इन्शुरन्स करवाने वाला व्यक्ति खुद चुन सकता है। अगर इस अवधि में इन्शुरन्स व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी इन्शुरन्स कंपनी से इन्शुरन्स लाभ का क्लेम ले सकते हैं। यह क्लेम किसी नामित या लाभार्थी को दिया जाता है जो आमतौर पर परिेवार का एक सदस्य होता है।
पॉलिसी की अवधि 10, 20 या 30 साल भी हो सकती है जो विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है। टर्म इन्शुरन्स का प्रीमियम शरुआत में सामान्य लाइफ इन्शुरन्स से कम होता है। आपको यह सुविधा भी मिलेगी की आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से चुन सकते हैं कि आपको पैसा एकमुश्त चाहिए या मासिक किश्तों में।
टर्म इन्शुरन्स क्यों खरीदनी चाहिए?
आप के लिए आपके परिवार के सदस्य सबसे महत्वपूर्ण हैं। आप कभी नहीं चाहेंगे की वे कभी किसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का सामना करें या उन्हें अपना जीवन चलाने में कोई कठिनाई आए। जीवन अनिश्चित है और कोई नहीं जानता कि उसका जीवन कब तक है। आपके परिवार के सदस्य हमेशा आपकी लंबी आयु की कामना करते हैं। लेकिन किसी अप्रत्याशित स्थिति के कारण यदि आप उन्हें असमय छोड़ जाते हैं, तो उनके लिए असहनीय होता है। इस क्षति की पूर्ति तो कोई नहीं कर सकता। लेकिन आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार की आय का स्रोत बंद ना हो यह ज़रूर सुनिश्चित किया जा सकता है। और वह संभव होता है टर्म इन्शुरन्स से।
कहा जाता है परिवार महत्वपूर्ण चीज़ नहीं होता, परिवार हर चीज़ होता है। तो आप हमेशा यही सोचते हैं कि आपका परिवार कैसे सुखी और सुरक्षित रहे। और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए टर्म इन्शुरन्स ज़रूरी है। ज़रा सोचिए, भगवान ना करे आ पको कुछ हो जाए तो आपके परिवार के सामने अनिश्चितता की स्थिति खड़ी हो जाएगी। उन्हें आपकी ज़िम्मेदारियाँ तो उठानी ही पड़ेंगी साथ ही आपकी देनदारियों का भी (यदि कोई हैं तो) बोझ उठाना पड़ेगा। उस वक़्त में अगर उनके पास पैसा ना हो तो वे क्या करेंगे? टर्म इन्शुरन्स यह भरोसा देती है कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति में आपके परिवार को किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। एकमुश्त पैसा मिलने पर वे ना सिर्फ अपनी मौजूदा ज़िम्मेदारियाँ पूरी कर सकेंगे बल्कि भविष्य के लिए भी योजना बना सकेंगे। इन्हीं कारणों से आपके लिए टर्म इन्शुरन्स करवाना ज़रूरी है।
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टर्म इन्शुरन्स की विशेषताएं
परमानेंट लाइफ इन्शुरन्स की तुलना में टर्म इन्शुरन्स की कई अतिरिक्त विशेषताएं हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- टर्म इन्शुरन्स समझने और खरीदने में आसान होती है। ख़ास कर अगर आप इसकी तुलना परमानेंट लाइफ इन्शुरन्स से करें तो पाएंगे परमानेंट लाइफ इन्शुरन्स के अनेकों प्रकार हैं और कई प्रकार के नियम और कायदे हैं, जबकि टर्म इन्शुरन्स एक सीधी सादी इन्शुरन्स पॉलिसी है।
- परमानेंट लाइफ इन्शुरन्स की तुलना में टर्म इन्शुरन्स कहीं ज़्यादा सस्ती होती है। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है इन्शुरन्स के प्रीमियम भी बढ़ते रहते हैं। टर्म इन्शुरन्स में अगर आप जब आपकी उम्र थोड़ी कम हो, एक बार पॉलिसी खरीद लेते हैं, तो आपको उस समय की दर पर एक बार ही प्रीमियम का भुगतान करना होता है और आप बार बार बढ़ा हुआ प्रीमियम देने के झंझट से बच जाते हैं।
- आप एक और तरीके से कीमत कम कर सकते हैं। पूरे जीवन के लिए इन्शुरन्स की बजाय आप सिर्फ अपनी विशेष ज़रूरतों के हिसाब से उतनी ही अवधि के लिए इन्शुरन्स ले सकते हैं जितनी आपकी योजना हो।
- क्योंकि परमानेंट लाइफ इन्शुरन्स की बजाय टर्म इन्शुरन्स का प्रीमियम काफी कम होता है, तो अगर आपको किसी वजह से पॉलिसी को बीच में ही बंद करना पड़ता है, तो आपको पैसे का उतना नुकसान नहीं होगा जितना परमानेंट इन्शुरन्स पॉलिसी में होगा।
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बेस्ट टर्म प्लान कैसे खरीदें
आप टर्म इन्शुरन्स अपनी ज़रूरत और योजना के हिसाब से चुनते हैं लेकिन सही जानकारी के अभाव में कई बार गलत चुनाव हो जाता है जिससे आपको जो फायदा आप चाहते हैं वह नहीं मिल पाता। इसलिए सही टर्म इन्शुरन्स प्लान का चुनाव करना बहुत महत्वपूर्ण है और उसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है।
पॉलिसी खरीदने के लिए जरुरी सुझाव:
- सबसे पहले इन्शुरन्स की राशि तय करने के लिए आप अपनी सारी बकाया देनदारियों और भविष्य के लक्ष्यों को देखें और उसके हिसाब से तय करें कि कितने की इन्शुरन्स करवानी है
- पालिसी की अवधि निर्धारित करते समय ध्यान रखें कि पालिसी उस वक़्त ना ख़त्म हो जाए जब आपको उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो
- पालिसी के लिए हर दस्तावेज़ और कार्यवाही पूरी रखें जिससे पालिसी के खत्म होने का कोई मौका ना बने। यानी ध्यान रखें कि पॉलिसी में कोई त्रुटि ना रह जाए जिससे आपके जाने के बाद परिवार वालों को पॉलिसी की राशि पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़े
- टर्म बीमा खरीदते समय यह ज़रूर देखें कि किस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसीसे पता चलेगा कि बाद में आपके परिवार को क्लेम कितनी आसानी या मुश्किल से मिलेगा। आप विभिन्न कंपनियों की क्लेम सेटलमेंट रेशिओ देखें और जिसकी सबसे ज़्यादा हो वही चुनें।
- टर्म बीमा की अवधि चुनते समय यह ध्यान रखें कि आपकी अनुपस्थिति में यह राशि आपकी परिवार की आय का स्रोत रहेगी। तो अवधि तय करते समय ध्यान रखें कि आप कितनी उम्र तक काम करने की सोच रहे हैं। मतलब आप की योजना 55 साल की उम्र तक काम करने की है या 60 तक या 65 तक या उससे ज़्यादा। अपनी मौजूदा उम्र देखिए और उसके हिसाब से टर्म इन्शुरन्स की अवधि तय कीजिए।
मेरी राय
तो उपरोक्त सारी बातों को ध्यान में ,रखते हुए आप समझ गए होंगे कि टर्म इन्शुरन्स आपके लिए और आपके परिवार के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। तो देर मत कीजिये और तुरंत अपनी टर्म इन्शुरन्स खरीद कर अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कीजिए।
आगे:- क्या आपके पास दो टर्म इन्शुरन्स प्लान होने चाहिए? – अगर हाँ तो क्यों?
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